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हिन्दी दिवस प्रतियोगिता भाग 11( आज रविवार है ) लेखनी कहानी -01-Sep-2022


             शीर्षक। :-    आज रविवार है

 आज रविवार है आज तो मेरी छुट्टी का वार है।
पत्नी ने जब जगाया तब मै बोला आज रविवार है।।
आज न आफिस की चिन्ता न बास का डर है।
आज तो देर से उठूँगा अब मुझे किसका डर है।।
आज दोस्तौ के साथ देर तक गप्प लडा़ऊँगा।
कोई नही टोकेगा अपनी मर्जी से घर आऊँगा।।
आफिस की टैन्शन छोड़ मस्ती में नाचूँ गाऊँगा।
आज का   दिन पत्नी व बच्चौ साथ बिताऊँगा।।
आज मै अपने बास की दादागीरी भूल जाऊँगा।
आफिसगीरी भूल मस्ती में नाचूँगा और गाऊँगा।।

हिन्दी दिवस प्रतियोगिता हेतु रचना।
नरेश शर्मा " पचौरी "
11/09/20

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6 Comments

Wahhh दोस्तों,,, बच्चों आदि सही करें जी

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Seema Priyadarshini sahay

13-Sep-2022 03:01 PM

बहुत खूबसूरत रच ना

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Palak chopra

12-Sep-2022 09:15 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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